हनुमान चालीसा की चौपाइयों का हिंदी अनुवाद

हनुमान चालीसा के हर दोहे का सरल हिंदी अर्थ नीचे दिया गया है। यह चालीसा 40 छंदों (चौपाइयों) की होती है, और भगवान हनुमान की स्तुति में तुलसीदास जी ने इसे रचा था। --- ॥ दोहा ॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥ अर्थ: मैं अपने मन रूपी दर्पण को गुरु के चरणों की धूल से साफ करता हूँ और फिर श्रीराम के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष – इन चारों फलों को देने वाला है। --- ॥ चौपाई 1 ॥ जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥ अर्थ: हे हनुमान जी! आप ज्ञान और गुणों के समुद्र हैं। हे वानर सेना के स्वामी! तीनों लोकों में आपकी जयकार होती है। --- ॥ चौपाई 2 ॥ रामदूत अतुलित बलधामा। अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥ अर्थ: आप श्रीराम के दूत हैं, अतुलनीय बल के धाम हैं। आप अंजना के पुत्र और पवन देव के संतान हैं। --- ॥ चौपाई 3 ॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी॥ अर्थ: आप महान वीर, पराक्रमी और वज्र के समान शरीर वाले हैं। आप बुरी बुद्धि को दूर करते हैं और शुभ बुद्धि वाले लोगों के साथी हैं। --- ॥ चौपाई 4 ॥ कंचन बरन बिरा...